Sunday, March 31, 2013

मेरे जीवन की गलतियाँ भाग ३



दरसल स्पेशल २६ के कारण  मैंने अपने जीवन की गलतियाँ भाग ३ आज लिख रहा हूँ।

मैं पैसे इन्वेस्ट करते करते काफी कर्जे में डूब गया। यकीन मानिये एक ऐसा समय आया जब मैं ठीक से न सो सकता था और न जाग सकता था। पता नहीं मैंने अच्छी  तरह से आखरी रात कब गुजारी थी। मैं जीवन के एक ऐसे मोड़ पर खड़ा था जहाँ से आगे पूरा अँधेरा दिखता था। लेकिन कहते है कि हरेक समस्या का समाधान हमारे सामने होता है। साथ ही साथ ये भी कहना चाहूँगा कि इस दुनिया में हरेक मर्ज की दवा है। ज़रुरत उसे सिर्फ पहचानने की है।

तभी मेरे ज़िन्दगी में एक किताब आई। किताब का शीर्षक था " चिंता छोड़े और सुख से रहे". इस किताब के लेखक डेल कार्नेगी हैं। इस किताब को पढ़ते समय मैंने किसी भी  प्रॉब्लम का सामना करने की एक नायब युक्ति पाया। यकीन मानिये आप सिर्फ इन ४ कदम वाले तरीके से किसी भी प्रॉब्लम का सामना और उससे निकलने का तरीका ढूंढ सकते हैं।  तरीके इस प्रकार हैं :-

१.  मैं किस बारे में चिंतित हूँ, उसे लिखें।
२.  इससे निजात पाने के लिए मैं क्या क्या कर सकता हूँ, उन सारे तरीकों को लिखें।
३.  उन सारे तरीकों में से सबसे बढ़िया तरीका क्या होगा, ये थोड़ी देर गौर करने के बाद आप अपने आप अंदाजा लगा लेंगे।
४.  उस तरीके को तुरंत शुरू करें।

मैं पुरे दावे के साथ कह सकता हूँ कि आप अपने दिक्कत तो जल्द सुलझा लेंगे।

अगर आप उस किताब को ऑनलाइन या सेव करके रखना चाहते हैं तो आप इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं



बाकी आगे भाग में 


English Version Follows:-



Due to Specials 26, I am writing My Mistakes of life Part 3 now.

As I kept investing, I went into considerable debt. Do believe me, a time came when I was neither sleeping nor waking up properly. I couldn’t remember the last night when I had a good sleep. I was standing at such juncture of life where everything seemed black. But it’s a well known fact that we have got a solution to each and every problem of this world. It’s only we need to recognize that.

Then I came through a book in my life. Trust me It completely changed my Life. I would request you all to go through this book when ever u get sometime. The title of the book was "How to stop worrying and live happily."  The author of the book is Dale Carnegie.  At a page, I came across a method to find out the exact solution for any problem in this world. It’s been divided into four steps. Steps are as follows: -

1. Write for what things you are worried about?
2. Write all the ways you think can solve the problem.
3. Analyze all the methods for sometime and I am dam sure you will able to choose the best method to sort out the problem.
4. Start your method immediately.

I am sure you will get your solution easily and work done.


You can read or save the book by clicking here :


Rest in next part 




Wednesday, March 27, 2013

नमस्कार मोकामा।

मोकामा ऑनलाइन

मोकामा - एक क़स्बा जिसका नाम जेहन में आते ही कुछ धुंधली सी तस्वीर उभर कर सामने आती है। करीब १० साल पहले अगर आप मोकामा के बारे में किसी से भी कुछ पूछते, बशर्ते उसे कुछ भी मोकामा के बारे में पता हो, तो वो शायद अपराध के बारे में होता। अगर किसी व्यक्ति को मोकामा में आना जाना होता तोह वो शाम ७ बजे से पहले सारे काम निपटा लेता चाहे वो स्टेशन जाने का काम हो या बाज़ार से सामान लाने का।

हालकि मैंने मोकामा को सन १९८५ के आसपास नहीं देखा जब ये प्रगति की राह पर पूरी तरह से अग्रसर था। ऐसा लोग और विकिपीडिया, दोनों का कहना है। यहाँ का दाल मंडी पुरे बिहार में प्रसिद्ध था। फिर धीरे धीरे स्थानीय अपराधियों ने सर उठाना शुरू कर दिया। नतीजा, मोकामा की विकास की गाड़ियों के पहिये थम गए। लगभग हर दिन गोलियों की आवाज़ सुनना एक आम बात हो गयी थी। किसी का क़त्ल होना शायद मोकामा के लिए एक आम बात हो गयी थी। हालाकिं मैंने अपने बचपन के ज्यादा दिन मोकामा में नहीं बिताये। फिर भी जब मैं छुट्टियाँ बिताने घर पर आता तोह लोगों के चेहरे के ऊपर एक अजीब सा खौफ दिखता।

पर कहते हैं कि किसी भी चीज़ की एक सीमा होती है। धीरे धीरे मोकामा में शांति की बयार बहने लगी। धीरे धीरे ही सही पर मोकामा में एक बार फिर से विकास का रुका हुआ पहिया घूमना शुरू हुआ। शायद इसी का नतीजा है कि आज की तारीख में मोकामा फिर से तरक्की की राह पर अग्रसर है। HDFC बैंक और एक्सिस बैंक (ऐसा सुनने में आया है) जैसे बड़े बैंकों नें भी मोकामा में अपना डेरा जमाना शुरू कर दिया है।

कल की तारीख में मोकामा ने एक और कामयाबी का पत्थर छुआ जब मोकमावासियों नें अपने शहर के वेबसाइट www.mokamaonline.com  का विधिवत उदघाटन किया। मोकामा से जुडी लगभग जानकारी के लिए आप यहाँ क्लिक कर सकते  हैं www.mokamaonline.com.

यकीन मानिये अच्छा लगता है जब मैं अपने किसी दोस्त को कहता हूँ कि मैं बिहार के एक ऐसे कस्बे की मिट्टी से जुडा हूँ जहां की साक्षरता दर ९६% है(सौजन्य : विकिपीडिया) . जहाँ दलहन की खेती पुरे देश में मशहूर है। सूची  लिखते लिखते काफी लम्बी हो जाएगी।

उम्मीद है की मोकामा आने वाले समय में कई मील की पत्थर को छुयेगा।

एक बार फिर से mokamaonline.com  से जुड़े हुए लोगों को हमारी ढेर सारी बधाई।

नमस्कार मोकामा।


English version  follows :





Mokama - a town, misty picture arises, when this name comes in my mind. Nearly 10 years ago, if you would ask anyone about Mokama, provided he knows anything about Mokama, then it would be probably about the crime.

Around 1985 I did not see the condition of Mokama when it was on a roll. (As People and Wikipedia say). The Dal Mandi was famous in the entire state. Then slowly it came under the influence of local criminals which resulted in loss of business and people from Mokama. Almost every day, It was common to hear the sound of gunfire. It seemed if murder in Mokama was a common practice. Though I spent very less days of my childhood in Mokama, i could see the fear of all these things in people's eyes.


Its a well known fact that there is a limit to everything. Crime stopped. People came out of this fear. Again the wheel of development started revolving in Mokama. The result is that today is Mokama is on an upswing again. HDFC Bank and Axis Bank (I have listened), Indian top private banks, have also embarked Mokama as their camp.


On 26 Mar 13, dats yesterday, Mokama touched a mile stone when it officially came out with its own website www.mokamaonline.com. For almost all information related to Mokama Click here www.mokamaonline.com.


Believe me, I feel proud when i say to my friends that I belong to a place whose literacy rate is 96%(Source: Wikipedia).Where the cultivation of pulses is famous throughout the country. List is too long if i started writing about Mokama.


Hopefully Mokama will keep moving ahead in forthcoming days and will touch many more milestones.


Once again Greetings to one and all who are a part of Mokamonline.com


Namaskar Mokama.





Saturday, March 23, 2013

मेरी लाइफ की गलतियाँ भाग - २



मैंने भी सत्यम कंपनी के कुछ शेयर ख़रीदे। कुल मिलाकर मैंने करीब २५० शेयर ख़रीदे २५ रूपये के भाव पर और करीब १ महीने के बाद उसे ५५ रूपये के भाव पर बेच दिए। एक महीने में करीब दुगना फायदा!!!!!!!!!!! कहते हैं कि अगर शेर के मुंह में अगर एक बार खून लग जाये तो फिर उसे सीधे साधे खाने में मज़ा नहीं आएगा। कुछ ऐसा ही मेरे साथ हुआ।

फिर ज्यादा पैसे कमाने के चक्कर में मैंने और पैसे लगाये। वो भी दूसरों के कहने पर। एक बात मैं ज़रूर कहना चाहूँगा कि इस दुनिया में आपको सपने दिखाने वाले बहुत मिलेंगे लेकिन जब आप गिरेंगे तो उनमें से कोई भी आपके पास नहीं होगा। लोगों ने मुझे भी ख्वाब दिखाए और मैं उनके जाल में फँसता चला गया। मैं अपने डूबते पैसे को बचाने के लिए और पैसे लगाये।

मेरी एक दिक्कत और भी थी। वो ये कि मेरे पास शेयर बाज़ार के बारे में कुछ क्या, थोड़ी भी जानकारी नहीं थी और मैंने पूछना मुनासिब भी नहीं समझा। और इस तरह मैं शेयर बाज़ार के जाल में फँसता चला गया।

एक बात और। मैंने कभी अपनी फैमिली से भी इस बारे मैं कोई ज़िक्र नहीं की। कह सकते हैं कि ये भी मेरी एक बहुत बड़ी भूल थी।


शेष अगले भाग में

आकाश


English Version Follows:-



I also bought some shares of Satyam company. Overall, I bought 250 shares at a price of Rs 25 and  after 1 month  i sold it a price of Rs 55. Nearly double gain in a month!!!!!

To make more money, i kept on investing and that also when others were telling me to do so. I would say that in this world People showed me the dreams and when I went entrapped in their nets, they were invisible.I kept on investing money to savy my principal amount.

I even had a problem. She got me to do something about the stock market, some have no idea and I did not even ask reasonable. And thus I went entrapped in the web of the stock market.

One more thing. I did not speak to my family about all these things. I can say that these were my some of the biggest mistakes.


Rest in next Part