इस कहानी की शुरुआत होती है जनवरी 2009 जब सत्यम घोटाला हुआ था। सत्यम के एक शेयर का भाव करीब 6 रूपये तक गिर चूका था।मेरे ऑफिस के नीचे एक शेयर बाज़ार से जुड़ा ऑफिस था। जब मेरा ऑफिस ख़त्म हुआ तो पता चला की उस ऑफिस के मालिक ने करीब 5 लाख रूपये के शेयर ख़रीदे और जब उस शेयर के भाव 15 लाख पहुँच गए तो उसने उसे बेच दिए। एक दिन में पुरे 10 लाख का फायदा!!!!!!!!!!!!!
इस बात से कोई नहीं मुकर सकता कि ज्यादातर इंसान बहुत जल्दी ढेर सारा पैसा कमाना चाहते हैं और एक आराम की जिंदगी जीना चाहते हैं। मैं भी उन्हीं में से एक था।मेरी भी दिली तमन्ना थी कि मैं ढेर सार पैसा कमाऊ। हाँ फर्क सिर्फ इतना था कि मैं ये सब अपनी फैमिली के लिए कर रहा था।
इस शेयर बाज़ार की चमक दमक में पता नहीं कितने लोग बने और बर्बाद हुए पर मैं ये पक्का विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि अगर एक लोग बने हैं तो 100 बर्बाद हुए हैं। मैं ये नहीं कह रहा कि शेयर बाज़ार कोई बुरी चीज़ है पर इतना ज़रूर है कि जो भी आप करें उसे एक दायरे मैं करें और पूरी तैयारी के साथ करें।
शेष अगले भाग में।
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