प्यार।।।।।।।।।। देखा जाए तो इसके कितने मायने हैं. किसी के लिए ये सिर्फ चेहरे का आकर्षण है तो किसी के लिए शारीरिक संबंध बनाने का एक ज़रिया। सब के लिए अपने अपने मायने हैं। तो स्वाभाविक है कि मेरे लिए भी इसके कुछ मायने हैं।
मेरे हिसाब से प्यार का एक ही मतलब है और वो कि खुद से पहले उनका ख़याल रखना और खुद से ज़्यादा उनका ख़याल रखना। शायद मेरे लिए प्यार के यही मायने हैं। ऐसा नहीं कि आप मेरे मायने से सहमत होंगे पर आप कुछ कर नहीं सकते क्यूँकि ये मेरा ब्लॉग है और यहाँ मैं अपने विचारों को शब्दों में ढालने के लिए स्वतंत्र हूँ।
अक्सर मैं देखता हूँ.. पढ़ता हूँ.. सुनता हूँ..कि प्यार में इन्होने अपनी जान दे दी.. ये कर दिया वो कर दिया। मेरे ख्याल से ये प्यार नहीं हैं। क्यूंकि जब आप किसी से प्यार करते हैं तो उनकी खुशी में अपनी खुशी ढूँढते हैं। आप अगर मेरे मायने को किसी भी जगह फिट करने की कोशिश करेंगे तो पाएँगे कि मैं लगभग सही हूँ। जैसे माँ और बच्चों का प्यार. भाइयों का प्यार. यहाँ तक कि दोस्तों का प्यार (लड़की सहित)। जब हम किसी से प्यार करते हैं तो ये मत सोचिए कि वो भी हमसे प्यार करे।
और एक बात और मेरा स्वतंत्र विचार.. किसी गँवार इंसान ने कहा था कि प्यार सिर्फ एक बार होता है। घंटा मेरा। प्यार बार बार होता है अगर ऐसा नहीं होता तो आप एक बार में अपने भाई.. दोस्त.. माँ बाप बहन से प्यार नहीं कर पाते। अब यहाँ कुछ लोग कहेंगे कि ये दूसरा प्यार है वो दूसरा।तो यहाँ भी मैं वही कहूँगा.. टा मेरा।प्यार प्यार होता है और ये हमेशा हमारी जिंदगी में खुशी के लिए होता है। अगर आप किसी से प्यार करते हैं और वो आपकी ज़िंदगी में खुशी नहीं लाती है तो शायद ये सही समय है कि ऐसे लोगों से अपने आप को दूर करें।
इसीलिए अपने प्यार के मायने को पहचाने और अच्छे से पहचान लें क्यूँकि आपकी सोच किसी भी ज़िंदगी बचा सकती है तो किसी की जिंदगी ले भी सकती है।